किसानों और बागवानों को मिलेगी राहत,लाखों कृषकों के बन पाएंगे किसान क्रेडिट कार्ड

शिमला
फाइल फोटो
केंद्रीय बजट से प्रदेश के किसानों और बागवानों को काफी राहत मिलेगी। हिमाचल में लाखों कृषकों के किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) बन पाएंगे। प्रदेश में किसान सम्मान निधि लेने वाले करीब 8.5 लाख किसान हैं। इनमें से अधिकांश ने अपने केसीसी नहीं बनाए हैं। यह कार्ड बनाने वाले किसानों और बागवानों को खाद और बीज सस्ती दरों में खरीदने के लिए बैंकों से कम ब्याज दरों पर ऋण लेने की व्यवस्था है।

बजट में 16 बिंदुओं पर विशेष रूप से गौर किया है ताकि, किसानों और बागवानों की वित्तीय स्थिति मजबूत की जा सके। किसान उड़ान योजना से प्रदेश के किसानों और बागवानों की फसलों खासकर फूलों, फलों और जड़ी बूटियों के निर्यात में मदद मिलेगी। हर जिले को निर्यात के हब के रूप में विकसित करने की योजना है। छोटे देशों खासकर नेपाल, भूटान और बंगलादेश में हिमाचल में पैदा होने वाली फसलों की निर्यात किया जा सकेगा।

इन देशों में सेब और अन्य फलों का भी निर्यात करने में मदद मिलेगी। प्रदेश में सोलर पंप लगाकर किसान बिजली खर्च में कटौती कर पाएंगे। प्रदेश के किसान भी सम्मान निधि बढ़ने की उम्मीद लगाए थे कि इसे छह हजार से बढ़ाकर 1500 प्रति माह किया जाएगा। बजट में किसान सम्मान निधि नहीं बढ़ने से किसान-बागवान मायूस जरूर हैं। पीपीपी मोड में प्रदेश में कोल्ड स्टोरों और सीए स्टोरों के निर्माण हो सकेगा।

क्या कहते हैं किसान बागवान नेता
हिमाचल प्रदेश फल एवं सब्जी उत्पादक संघ के अध्यक्ष हरीश चौहान कहते हैं कि किसानों की सम्मान निधि 1500 प्रति माह मिलने की उम्मीद थी। किसान उड़ान योजना से फसलों का निर्यात कर पाएंगे। जिन किसानों के पास बंजर भूमि है वहां सौर ऊर्जा का उत्पादन कर कमाई कर पाएंगे।

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